आयनमंडलीय क्षेत्र के जरिए उत्पन्न या प्रसारित भूचुंबकीय संकेत दिन के समय नति विषुवत पर परिवर्तित होते हैं अर्थात् जारी विषुवतीय प्रवर्धन के भूचुंबकीय परिवर्तन। त्रिवेंद्रम चु.वे. (1957-1999) के लगभग समान अक्षांश पर स्थित तिरुनलवेली चुंबकीय वेधशाला (चुं.वे.) में 1996 में प्रचालन शुरू हुआ, ताकि भारतीय विषुवतीय क्षेत्र में पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के अभिलेखनों में निरंतरता बनी रहे।